रांची न्यूज डेस्क: रांची में सगुप्ता आफरीन और फिरोज अंसारी अब अपने दोनों बच्चों के साथ फिर से राजी-खुशी से साथ रहने वाले हैं। दंपती ने कहा कि वे पुराने विवादों को भूलकर अपने बच्चों की परवरिश पर ध्यान देंगे, ताकि उनका भविष्य बेहतर हो। रांची सिविल कोर्ट में मध्यस्थता प्रक्रिया के तहत यह मामला सुलझा, और दंपती के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई। पिछले 3-4 साल से दोनों अलग रह रहे थे।
मामला रांची के मध्यस्थता केंद्र में वाद संख्या 457/2023 के तहत सुलझाया गया। अधिवक्ता मध्यस्थ अमरेंद्र कुमार ओझा के नेतृत्व में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं—प्रिंस कश्यप और पप्पू कुमार—ने संयुक्त प्रयास कर समझौता करवाया। यह मामला कुटुंब न्यायालय-2, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश राजेश कुमार सिंह की अदालत से मध्यस्थता केंद्र रांची में भेजा गया था। डालसा (जिला विधिक सेवा प्राधिकार) के सचिव रवि कुमार भास्कर ने इस मध्यस्थता के लिए निर्देश जारी किए थे।
सगुप्ता आफरीन ने अपने पति फिरोज अंसारी के खिलाफ अदालत में भरण-पोषण वाद दायर किया था। शादी मुस्लिम रीति-रिवाज से हुई थी, लेकिन आपसी विवाद के कारण वे लगभग 3-4 साल से अलग रह रहे थे। मध्यस्थ अधिवक्ताओं की समझाइश और तीन-चार बैठकों के बाद दोनों पति-पत्नी फिर से साथ रहने के लिए तैयार हो गए। दोनों के एक बेटा और एक बेटी हैं। दंपती ने संकल्प लिया कि वे अब एक-दूसरे और एक-दूसरे के परिवार का सम्मान करेंगे, अपने बच्चों के भविष्य को संवारेंगे और पुराने विवाद भूल जाएंगे।
डालसा सचिव रवि कुमार भास्कर ने दंपती को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बुके देकर शुभकामनाएं दीं और उन्हें सलाह दी कि वे परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन बिताएं। उन्होंने कहा कि बच्चों की परवरिश पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, ताकि वे आगे चलकर अपने माता-पिता की मदद कर सकें।